उसका तेवर देख लिया है,
मैंने पत्थर देख लिया है,
अपनी हिम्मत भी देखी थी,
उसका भी डर देख लिया है,
आँखों ने सपनों को छोड़ा,
ऐसा मंज़र देख लिया है,
जाम छिपाकर पीता था तू,
तेरा सागर देख लिया है,
माँ-बाबू की एक सी हालत,
सबका तो घर देख लिया है,
बाबूजी को नींद न आए,
बिटिया ने वर देख लिया है,
दुआ नमाज़ें झूठी हैं सब,
सबकुछ तो कर देख लिया है...
मैंने पत्थर देख लिया है,
अपनी हिम्मत भी देखी थी,
उसका भी डर देख लिया है,
आँखों ने सपनों को छोड़ा,
ऐसा मंज़र देख लिया है,
जाम छिपाकर पीता था तू,
तेरा सागर देख लिया है,
माँ-बाबू की एक सी हालत,
सबका तो घर देख लिया है,
बाबूजी को नींद न आए,
बिटिया ने वर देख लिया है,
दुआ नमाज़ें झूठी हैं सब,
सबकुछ तो कर देख लिया है...
15.03.09