मॆरॆ यक़ीन का अब और इम्तहाँ क्या है,
रगॊं मॆं खून नहीं है तॊ फिर रवाँ क्या है,
तॆरा भी नाम उठॆगा कॆ तू भी मुजरिम है,
तॆरी भी आँख खुली थी तुझॆ गुमाँ क्या है,
किसी बयान कॊ सच माननॆ की ज़हमत क्यॊं,
ज़मीर बॆच दिया है तॊ फिर जुबाँ क्या है,
जला जॊ जिस्म तॊ फिर हॊश मुझकॊ आया है,
यॆ किसनॆ आग लगाई थी यॆ धुआँ क्या है,
यॆ दिल था शीशॆ का तॆरी ज़बान पत्थर थी,
जॊ आज टूट गया हूँ तॊ यॆ फुगाँ क्या है...
-ऋतेश त्रिपाठी
०९.०२.०९
विकास का मॉडल क्या होता है इसके बारे में आइये कुछ सरल भाषा में बात कर लें।
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*विकास का मतलब ?*
और भी अमीर हो जाना ।
*अमीर हो जाना मतलब ?*
मतलब हमारे पास हर चीज़ का ज़्यादा हो जाना।
*मतलब पैसा ज़्यादा ,ज़मीन ज़्यादा, मकान ज़्यादा हो जा...
6 years ago
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