क्या खूब इन उजालों ने ये साजिश की है,
हम अपना घर भी जलाएँ ये गुज़ारिश की है,
तू ग़मगीं है कि तुझे ज़रूरत से कम मिला,
वो खुशगुमान है कि उसने नवाज़िश की है,
तुमने दरिया पे ख़तरे की मनादी कर दी,
हमने अगर क़तरों की भी ख्वाहिश की है,
हश्र सोचिये कि उन मिन्नतों का क्या होगा,
लोग गूँगे हैं और बहरों से सिफ़ारिश की है,
अब जब के मैं यहाँ टूट के बिखरा पड़ा हूँ,
हर शख्स ने अपने ज़ख्म की नुमाइश की है,
लहरें मेरी कश्ती को किनारे लगने नहीं देतीं,
और हमने एक उम्र दरिया की परस्तिश की है...
-ऋतेश त्रिपाठी
०७.०७.२००८
विकास का मॉडल क्या होता है इसके बारे में आइये कुछ सरल भाषा में बात कर लें।
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*विकास का मतलब ?*
और भी अमीर हो जाना ।
*अमीर हो जाना मतलब ?*
मतलब हमारे पास हर चीज़ का ज़्यादा हो जाना।
*मतलब पैसा ज़्यादा ,ज़मीन ज़्यादा, मकान ज़्यादा हो जा...
6 years ago
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