जॊ दुआ क़ुबूल हॊ तॊ यॆ असर आयॆ,
तीरगी दॆर तक रही है अब सहर आयॆ,
घर है मगर न ज़मीं न आसमाँ अपना,
कैसॆ इस शहर मॆ जीनॆ का हुनर आयॆ,
हाल ए दिल अपना भी इधर ठीक नहीं,
वॊ भी रुसवा हैं आजकल यॆ खबर आयॆ,
तन्हाई किसी कॊ आवारा बना दॆगी दॊस्त,
रात जब बीत चली तॊ हम भी घर आयॆ,
यॆ क्या कि बॆच दियॆ दीन भी ईमान भी,
आदमी आदमी है तॊ आदमी नज़र आयॆ,
इरादा दॊस्तॊं ने तब बदल लिया "मन्थन",
रास्ता पुरखार, मॆरॆ हिस्सॆ मॆं सफऱ आये !
- ऋतेश त्रिपाठी
11.01.2008
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
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