हैरत का इक खज़ाना मिलेगा,
शहरों में बचपन सयाना मिलेगा,
सुना था कि दिल्ली में मिलती है रोटी,
खबर क्या वहाँ भी फ़साना मिलेगा,
बाज़ार बिस्तर तक आ गया है,
तरक्की का अब क्या पैमाना मिलेगा,
सभी ने गिराई थी मिलकर के मस्जिद,
सुना है ख़ुदा को हर्ज़ाना मिलेगा,
इस उम्मीद पर कोख बिक गई कि,
चलो नौ महीने तो दाना मिलेगा,
यही सोच कर दिल्लगी कर ली "मंथन",
किसी तीर को फ़िर निशाना मिलेगा !
- ऋतेश त्रिपाठी
09.03.2008
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
1 comments:
September 3, 2008 at 5:23 PM
har sher me dum hai!! awesome!!
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