भुखमरी को कुपोषण का नाम देगी,
सियासत इक और ज़ुर्म अंजाम देगी,
ये बचपन देख कर सोचता हूँ,
थकी हो सुबह तो क्या शाम देगी,
वो इस सोच में फिर बिकने चली है,
आज अस्मत का दुनिया क्या दाम देगी,
रहनुमा की सियासत का मारा हुआ हूँ,
रह्जनी शायद मुझको आराम देगी...
-ऋतेश त्रिपाठी
०९.०३.२००८
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
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