पारसा पे तोहमत बेईमानी की,
इंतहा खूब हुई कहानी की,
बरहमन कोई प्यासा मरा है,
ज़ात दूसरी थी वहाँ पानी की,
आपने मेरा गला नहीं काटा,
आपने बहुत मेहरबानी की,
सूली पे चढो और उफ़्! न करो,
यही कीमत है तेरी बेज़ुबानी की,
फ़िक़्र-ए-दिल और ख्याल पेट का,
मुश्किलें कम नहीं हैं जवानी की...
-ऋतेश त्रिपाठी
09.04.2008
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
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