मुझको एक शब का विसाल दे,
और फिर उम्र भर का मलाल दे,
जो फूल हूँ तो सीने से लगा,
जो ख़ार हूँ तो निकाल दे,
मुझे गिरा कि मेरा गुरूर टूटे,
जो गिरूँ तो फिर सभाँल दे,
सिगरेट कि तरह् जला मुझे,
इक कश के बाद उछाल दे....
-ऋतेश त्रिपाठी
16.06.2008
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
1 comments:
September 3, 2008 at 5:19 PM
bohot khoob!!! bohot badiya likha hai.. likhte rahiye..
मुझे गिरा कि मेरा गुरूर टूटे,
जो गिरूँ तो फिर सभाँल दे,
wah wah!!
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