इरादे बागबाँ के कामयाब हो लिये,
जितने भी बबूल थे गुलाब हो लिये,
अपने वास्ते थे जो पहेली एक उम्र,
उनके हाथ आए तो किताब हो लिये,
ऐ दोस्त ! तेरे मशवरों का शुक्रिया,
हालात अपने और भी खराब हो लिये,
देख सही कितना अँधेरा है आजकल,
जुगनू यहाँ आ के आफ्ताब हो लिये,
हैरत कि अभी तेरी बुतपरस्ती नहीं गई,
सच बुतक़दों के सभी बेनकाब हो लिये...
-ऋतेश त्रिपाठी
२०.०६.२००८
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
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* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
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