खरीदी हुई कॊई दासी दिख रही है,
तॆरी हँसी में भी एक उदासी दिख रही है,
कल बनॆगी यही मुहब्बत जानलॆवा,
जो खलिश आज ज़रा सी दिख रही है,
अशर्फियों कि सॊह्बत में रहकर,
तॆरी हर एक अदा सियासी दिख रही है,
अगर सच है खुदा लुटाता है मुहब्बत,
हर रूह फिर क्यों प्यासी दिख रही है,
आदमी मैं इतना अच्छा तॊ न था,
मॆरी मौत पर भीड़ खासी दिख रही है...
-ॠतेश त्रिपाठी
11/11/06
कम्युनिटी हेल्थ में एक अद्भुत नाम डॉक्टर सुभाष
-
* किंग* जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से 1969 में MBBS करने के बाद डॉक्टर नरेश
त्रेहन अमरीका चले गए और उनके साथ पढ़े डॉक्टर सुभाष चन्द्र दुबे गुरुसहायगंज।
गुरसह...
7 years ago
0 comments:
Post a Comment