पारसा पे तोहमत बेईमानी की,
इंतहा खूब हुई कहानी की,
बरहमन कोई प्यासा मरा है,
ज़ात दूसरी थी वहाँ पानी की,
आपने मेरा गला नहीं काटा,
आपने बहुत मेहरबानी की,
सूली पे चढो और उफ़्! न करो,
यही कीमत है तेरी बेज़ुबानी की,
फ़िक़्र-ए-दिल और ख्याल पेट का,
मुश्किलें कम नहीं हैं जवानी की...
-ऋतेश त्रिपाठी
09.04.2008
विकास का मॉडल क्या होता है इसके बारे में आइये कुछ सरल भाषा में बात कर लें।
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*विकास का मतलब ?*
और भी अमीर हो जाना ।
*अमीर हो जाना मतलब ?*
मतलब हमारे पास हर चीज़ का ज़्यादा हो जाना।
*मतलब पैसा ज़्यादा ,ज़मीन ज़्यादा, मकान ज़्यादा हो जा...
6 years ago
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